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2 शार्ट स्टोरी लघुकथा = सौतन ( सामाजिक )

लघुकथा

जेनर = समाजिक 

शीर्षक = सौतन


कावेरी सुबह सुबह आईने के सामने उदास बैठी कल रात उसके पति द्वारा दिए गए जख्मो पर मरहम लगा रही थी। वो जब जब उसकी सौतन के पास से आता है, तब ना जाने उसे क्या हो जाता है वो अपना आपा खो देता और दिन भर का सारा गुस्सा उसकी सौतन के पास से आकर उसपर उतारता।


शुरू शुरू तो उसे तकलीफ होती थी लेकिन अब वो आदि हो गयी थी कर भी किया सकती थी सिवाय अपनी किस्मत को कोसने के अलावा। अब तो उसकी दो साल कि बेटी भी थी। जिसके लिए वो हमेशा चिंतित रहती थी। क्यूंकि जब जब वो उसे देखती तो उसे अपने अतीत से जुडा एक हादसा याद आ जाता जिस हादसे ने पल भर में ही उससे सब कुछ छीन लिया सामने पड़ी उसके पिता की लाश और उसकी माँ को ले जाती पुलिस।

जब  वो उस हादसे को याद करती  उसकी रूह  तक  काँप जाती। वो रोज़ अपने पति  के द्वारा दिए  गए  जख्मो  को श्रृंगार की आड़  में छिपा  कर  दुनिया का सामना करती  और रोज़ एक नया  बहाना  बनाती  कि आज  नहा  रही  थी  पैर फिसल  गया  और गिर गयी  और कभी  दरवाज़े  से  टक्कर  हो गयी ।


अब तो लोगो ने पूछना  ही छोड़  दिया था  वैसे भी  कम ही बाहर  जाती थी ।


वो श्रृंगार मेज  से उठी  और अलमारी से अपने पति  के कपडे  निकालने लगी  जो कि नहा  रहा  था । वो अपने पति  का कोर्ट निकाल रही  थी  कि तभी  उसे ऐसा लगा  कि उसकी जेब में कुछ  है।


उसने बाहर  निकाल कर देखा  तो वो उसकी सौतन  की एक निशानी  थी । उसने उसे बाहर  निकाला और काफी देर तक  देखती  रही  और फिर  आँखों  में आंसू लेकर  बोली " आखिर  ऐसा क्या है  तुझमे जो मुझमे  नही है , क्यू हर  रोज़ मेरा पति  तेरे पास से आकर  मुझे  मारता पीटता  है  आखिर  क्यू तूने  हम  शादी  शुदा  औरतों की ज़िन्दगी तभा कर  दी है , क्या है  तुझमे  ऐसा जो की हर  आदमी  को अपनी और खींच  लेती है  तू  और जब  वो तेरे रंग  में रंग  जाता है  तो उसे होश  नही रहता  कि वो क्या कर  रहा  है , एक तेरे खातिर  वो अपनी उस पत्नि पर  जुल्म करता  है  जिसके साथ  उसने साथ  जन्मो तक  साथ  निभाने  का वायदा किया था , जिसने खुद  को अपने हाथो  से अपने पति  के हवाले  किया था , जिसके खातिर  वो अपने भाई  बहन  माता पिता दोस्त यहाँ तक  कि अपना घर  सब  छोड़  कर  आ  जाती है  सिर्फ और सिर्फ अपने पति  के खातिर और दुनिया कि रीत  निभाने  के लिए ।


लेकिन तेरे पास  जाते ही वो सब  कुछ  भूल  जाता है , जब  तू  उसके होठो  के जरये  उसके दिल और दिमाग़ पर  हावी हो जाती है  तब  वो दुनिया से बैरागी हो जाता है  फिर  उसे कुछ  नज़र  नही आता  तू  उस अच्छे खासे  इंसान को हैवान बना  देती और फिर  उसकी हेवानियत में ।  मैं और मेरी माँ जैसी ना जाने कितनी ही अबला नारियो के घर  तबह कर  देती है ।


सिर्फ और सिर्फ तेरी लत  की वजह  से मेरे पिता इंसान से हैवान बन  बैठा  और मेरी माँ कातिल। अगर  उस दिन मेरे पिताजी तेरे पास  से ना हो कर  आते, तुझे  अपने होठो  के जरये  अपने दिल और दिमाग़ पर  हावी ना होने देते और उस दिन वो तेरे नशे  में ये भी  भूल  बैठे  की वो जिस हेवानियत  को अंजाम देने जा रहे  है  उसका शिकार  उनकी खुद  बेटी ही होती अगर  वक़्त पर  माँ ना आकर  उन्हें चाकू  मारती तो शायद  उस दिन जो अनर्थ होता तो उसे देख  ये सृष्टि  भी  रो पडती।


सिर्फ और सिर्फ तेरी वजह  से मेरी माँ कातिल बन  बैठी  और आज  तक  जैल  में कैद है  अगर वो किसीको बता  देती कि उसका पति  उसकी जवान  बेटी पर  बुरी नज़र  रख  रहा  था  सिर्फ और सिर्फ इस शराब  कि वजह  से जो कि उसकी सौतन  से कम  ना थी  जिसकी वजह  से वो हर  रात मार खाती  और दर्द सहती । जब  तक  जुल्म उस पर  होता रहा  वो बर्दाश  करती रही  लेकिन जब  बात मेरी इज़्ज़त पर  आ  पहुंची  तो उसने वो करदिया  जो शायद  एक शादी  शुदा  औरत  के लिए  आसान  ना होता अपने हाथो  से अपने सुहाग को मार दिया ताकि मेरी इज़्ज़त पर  कोइ आंच  ना आये  और इल्जाम भी  सारा अपने सर  ले लिया कि कही  लोग उसके पति  को बुरी नज़रो  से ना देखे  और मेरी भी  इज़्ज़त इस समाज  में बनी  रहे  और लोग मुझे  देख  कर  ये ना कहे  " अरे ये तो वही  लड़की  है जिसका बाप इसके साथ ही,,,,, "


मुझे  बचा  कर  वो खुद  उम्र कैद कि सजा  काट रही  है । सिर्फ और इस शराब  कि वजह  से मुझे डर है  कही  इतिहास दोबारा ना दोहरा दिया जाए क्यूंकि मेरी बेटी भी  धीरे  धीरे  बड़ी  हो रही  है  कही  मेरा पति  भी  मेरे पिता कि तरह  तुझे  पी  कर  हैवान ना बन  जाए और मैं उसकी रक्षा  करते  हुए  अपने सुहाग को ही मार बेठू और मेरे हाथ  भी  खून  से रंग  जाए और मेरी बेटी भी  सारी ज़िन्दगी अपनी माँ से जैल  मैं ही मिलने आती  रहे  । आखिर  क्यू तूने  हम औरतों की गृहस्थी को उजाड़ फ़ेंकने  की कसम  खायी  है ।


आखिर  कौन ज़ालिम था  जिसने तुझे  बनाया  हाय लगेगी  उसे मुझ  जैसी औरतों की जिसने अनजाने में ही सही  ना जाने कितनो के घर  तबह  बर्बाद कर  दिए  इस शराब  को बना  कर ।


वो रो रही  थी  शराब  की बोतल  हाथ  में लिए  हुए । उसकी ये सारी बाते उसका पति  किशोर  जो की बाथरूम  के दरवाज़े के पीछे  से सुन रहा  था । उसे आज  पता  चला  की उसकी माँ जैल  में किस वजह  से है  और वो उसे कातिल माँ की बेटी कह कर  ताने देता था । बल्कि उसकी माँ तो बहादुर  थी  जिसने अपनी बेटी की रक्षा  के खातिर  अपने पति  को मौत  के घाट  उतार दिया बिना कुछ  सोचे  समझें । और मैं भी  वही  हैवान बनता  जा रहा  हूँ धीरे  धीरे  और कही  एक दिन ये हेवानियत  मुझे  वही  सब  कुछ  करने  पर  मजबूर  ना करदे  अपनी बेटी के साथ  जो कावेरी के पिता ने उसके साथ  करने  की कोशिश  की थी  किन्तु बच  गयी । अगर  मेरी बेटी ना बच  सकी  और मैं वो पाप कर  बैठा  तो फिर  भगवान  को क्या मुँह दिखाऊंगा की अपनी ही बेटी के साथ  छी छी,,,,।


नही बहुत हुआ अब नही अब मैं इस सौतन  को अपना घर  बर्बाद करने  नही दूंगा  मैं आज  से ही इसे छोडूंगा  अगर  ना छोड़  सका  तो मर जाऊंगा इससे पहले  की कुछ  हेवानियत  कर  बेठू  और राक्षस  कह  लाऊ।


वो कावेरी के पास  आया  और बोला " मेने सब  सुन लिया है  जो भी  तुमने कहा  मैं बहुत  शर्मिंदा  हूँ, मैं कसम  खाता  हूँ आज  के बाद इसे हाथ  नही लगाऊंगा  और अगर  कभी  लगा  भी  दू  तो मुझे  मार देना क्यूंकि हेवानियत  का खात्मा हैवान को मार कर  ही होता है . "


कावेरी उसे गले  लगा  कर  खूब  रोई  उसके बाद किशोर  ने शराब मुक्त केंद्र से शराब छोड़ने की ट्रेनिंग ली और अब वो बहुत  से लोगो को शराब  छुड़ाने  में मदद  कर  रहा  है  और कावेरी भी  उसका साथ  दे रही  है ताकि कोइ और कावेरी और उसकी माँ को वो सब  ना झेलना पड़े  जो कावेरी और उसकी माँ ने इन चंद सालो में झेला ।


शार्ट स्टोरी प्रतियोगिता 

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6 Comments

Shnaya

02-Jun-2022 04:06 PM

👏👌

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Rohan Nanda

20-Apr-2022 12:57 PM

Very nicely written

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Punam verma

20-Apr-2022 09:11 AM

Nice

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